उत्तराखंड में भूकंप : वैज्ञानिको की चेतावनी
क्या है सच ?
प्रिय पाठको,
आजकल तुर्की में भूकंप आने के कारण वैज्ञानिको का उत्तराखंड की तरफ भी गया है। नेशनल ज्योफिजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिको का कहना है की बहुत लम्बे समय से हिमालय की निचली सतह में टेकटोनिक प्लेट्स अपनी ऊर्जा को लगातार एकत्रित किये जा रही है। वैसे अगर ये प्लेट्स अपनी ऊर्जा को धीरे धीरे निकालती रही तो बहुत बड़े भूकंप आने की संभावना कम रहती है।
वैज्ञानिको का कहना है कि लगभग 200 सालो से टेकटोनिक प्लेट्स की ऊर्जा सही से नहीं निकल पाई है। अगर ये ऊर्जा इसी तरह से एकत्रित होती रही तो उत्तराखंड के लिए बहुत बड़ी परेशानी का सबब बन सकतीं है।
क्यूंकि जब ये ऊर्जा निकलेंगीं तो लगभग 8 रेक्टर स्केल का भूकंप उत्तराखंड में आ सकता है जो की बहुत ज्यादा तबाही कर सकता है।
हालाँकि उत्तराखंड में 1992 के आसपास रिक्टर स्केल 6 के आसपास भूकंप आया था। उसके बाद भी छोटे मोटे भूकंप उत्तराखंड में आते रहते है।
डॉ सुशील कुमार के अनुसार उत्तराखंड जोन 4 एवं जोन 5 में आता है जो की भूकंप की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है। नेशनल ज्योफिजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिको ने इस भूकंप की सम्भावना को दर्शाया है।
कब आएगा भूकंप ?
भूकंप आ सकता है ये बात तो तय है लेकिन कब आएगा इसका किसी को पता नहीं है। हमारा उत्तराखण्ड एक पहाड़ी राज्य है और भूकंप वाली लाइन उत्तराखंड के हिमालय से होकर गुजरती है और ये आज से नहीं पता नहीं कब से है। उत्तर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भूकम्पीय ऊर्जा भूगर्भ में इकट्ठी है। यंहा पर 1991 में उत्तरकाशी एवं 1999 में चमोली में दो बड़े भूकंप आ चुके है। हमें सचेत रहने की आवश्यकता है लेकिन डरने की नहीं है । क्यूंकि जो भी होना हैं और जैसे जैसे होना है वो ऊपर वाले ने पहले से तय किया हुआ है। इसलिए आप आराम से अपना काम करिये।
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन एवं रुड़की आई आई टी द्वारा एक ऍप तैयार किया गया है जो 5 से ऊपर का भूकंप आने पर कुछ सायरन जैसा बजता है जिससे पहले से ही लोग सचेत हो जाते है। जब किसी जगह की धरती जोर जोर से हिलती है तो इ इ डब्लूए तकनीक हिलने वाली तरंगो को पकड़ लेती है। इसकी सहायता से वैज्ञानिक द्वारा कुछ समय पहले लोगो को भूकंप के बारे में सचेत किया जा सकता है।
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